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WPI Inflation India: इस महीने रिकॉर्ड स्तर के पार पहुच गई थोक महंगाई.

WPI इन्फ्लेशन की वजह से हरी सब्जी, फल, आलू और गेहूं जैसे खाद्य पदार्थो पर पिछले साल के मुताविक इस साल के मूल्य में ज्यादा वृद्धि हुई है.
होल सेल प्राइस इंडेक्स के मुताविक इस बार 15.88 महंगाई बढ़ गई है. जिसका असर आम खाद्य पदार्थो पर ज्यादा पड़ने वाली है.
पिछले साल के मुताविक इस साल तीसरे महीने से लगातार बढ़ रही है. इस बार लगातार दुगुने अंको के साथ दर्ज हुई WPI मुद्रास्फीति.
विशेषज्ञ का मानना है की अभी भी अपने चरम सीमा पर नहीं पहुची है मुद्रास्फीति. आने वाले समय में और भी बढ़ने का आसार है.
आने वाले समय में इससे और इन्फ्लेशन देखने को मिल सकती है. अभी से अपनी कमर कस से महंगाई से लड़ने के लिए.
WPI के इन्फ्लेशन को तुलना की जाए तो विगत 9 साल में इस साल सबसे ज्यादा मुद्रा स्फीति को दर्ज किया गया है.
बढ़ती हुई मुद्रा स्फीति को कंट्रोल करने के RBI ने कर्ज का व्याज दर को महंगा करने की निति को अपना रहा है.
RBI ने अपने रेपो रेट में मई से लेकर अभी तक दो बार 0.90 प्रतिसत की वृद्धि कर चूका है.
अब भगवान ही मालिक है की आम जनता का क्या हाल होगा. जिनके पास पैसे की तंगी है उनका जीवन कैसे चलेगा.
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